Bina tere barsaat main wo baat nahin

   तेरे बिना बरसात में वह बात नहीं
 चांद के बिना जैसे होती चांदनी रात नहीं 
 है बादल छाया, हुई है बरसात कहीं 
 पानी तो बरसा है यहां 
पर सावन में इश्क की वो  सौगात नहीं

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