Maa

बिन कहे हर बातों को समझ लेती है
हर बात बताने की जरूरत नहीं पड़ती है
  मां है हंसी के पीछे छुपे दर्द को 
  भी वह पहचान लेती है

क्या जज्बात अपने बताऊं उसे 
जो मेरे हर जज्बातों को पहचान लेती है
पानी में भी मेरे आंसू को 
मेरी मां पहचान लेती है 

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