तू जगदंबा है

कामाख्या की तेरी जोत निराली
भक्तों के सारे दुःख  हरने वाली  है 
सुख समृद्धि से  संपन्न कर देती है
मैया तेरी हर बात निराली 
तू जगदंबा तू है काली

काट दिया  अपना सर
भक्तों की भूख मिटाई
छिन्नमस्ता तब तु कहलाईं
मैया तेरी हर बात निराली 
तू जगदंबा तू है काली

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